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पन्द्रह दिन की डायरी मोबाइल खा जाता है कीमती समय, लिया सदुपयोग का संकल्प मैं मोबाइल को नहीं, मोबाइल मुझे लेकर बैठ जाता है

बड़वानी | 22-दिसम्बर-2019
 



 

    मैं झूठ नहीं बोलूंगी। सुबह उठकर घर का थोड़ा काम करती हूँ और फिर मोबाइल मुझे लेकर बैठ जाता है। कब तीन-चार घंटे निकल जाते हैं पता ही नहीं चलता। किताब उठाती हूं तो पढ़ने में मन नहीं लगता। नींद आने लगती है। मोबाइल उठाती हूँ तो नींद भाग जाती है। मोबाइल मेरा कीमती समय खा जाता है। आज संकल्प लेती हूं कि इसका सदुपयोग करूंगी और जीवन में बड़ा लक्ष्य प्राप्त करूंगी। मैं सेना में जाना चाहता था, लेकिन उम्र तेईस पार हो गई है। सेना के दरवाजे बंद हो गये। अब समय का सदुपयोग करते हुए पीएससी की तैयारी के जरिये पुलिस या प्रषासनिक सेवा में जाऊँगा। व्हाट्सएप, टिकटॉक, फेसबुक चलाने में दिन का बड़ा हिस्सा चला जाता है। पबजी का आदि हो गया था, एक दिन दोनों स्मार्ट फोन तोड़ दिये। छोटे भाई का दाियत्व मुझ पर है। पहले उसे पढ़ाता हूं, फिर मैं पढ़ता हूं। माता-पिता बचपन में ही स्वर्गवासी हो गये हैं। आईएएस बनना चाहता हूं। ये तथा इस तरह की अनेक भावनात्मक बातें बी. ए. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों निखिल इंगले, सुरभि शर्मा, श्रेयांष गुप्ता, भारती बड़वाया, जयेष यादव, नानसिंह डावर, विधी लोनारे, विभांषु पारगीर, प्रेमसिंह चौहान, गजेंद्र डोडवे, दीपक सेन, रोशन मुजाल्दे, राहुल अवास्या, संतोष बड़ोले, चंदन बड़ोले, रवि शिंदे, शुभम मालवी, तरूण नायक, मनु रावत, आवेष खान, रवीना मालवीया, कन्हैया जाखर आदि ने सीसीई में अपनी पन्द्रह दिन की लिखित डायरी के मौखिक प्रस्तुतीकरण में साथी विद्यार्थियों से साझा करते हुए कहीं।
           अवसर था शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ और इतिहास विभाग द्वारा लिये गये सीसीई का। इसमें नवाचार करते हुए विद्यार्थियों को पन्द्रह दिन की डायरी लिखने का कार्य दिया गया था। प्रत्येक विद्यार्थी को सुबह जागने से रात्रि सोने तक की अपनी गतिविधियों को प्रतिदिन लिखना था और फिर उसकी प्रस्तुति करनी थी। यह आयोजन प्राचार्य डॉ. आर. एन. शुक्ल के मार्गदर्षन में किया गया। डॉ. शुक्ल ने इस प्रयोग की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संयोजन प्रीति गुलवानिया, राहुल मालवीया, कोमल सोनगड़े, जितेंद्र चौहान, नंदिनी मालवीया ने किया। कॅरियर काउंसलर डॉ. मधुसूदन चौबे ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को लिखना और बोलना सिखाना तो था ही साथ ही उन्हें अपने जीवन की गतिविधियों का आकलन करने का अवसर देना भी था। जो विद्यार्थी निरंतर परिश्रम कर रहे हैं, उनकी दिनचर्या ने अन्य विद्यार्थियों को प्रेरित किया और जो विद्यार्थी मनोरंजन तथा आलस्य-अकर्मण्यता में समय बर्बाद कर रहे थे, उन्हें पश्चात्ताप हुआ और उन्होंने समय का सदुपयोग करके अपने माता-पिता की आशाओं को पूरा करने का संकल्प लिया। कॅरियर सेल उन्हें लक्ष्य प्राप्ति में निरंतर सहयोग प्रदान करेगा। शनिवार को प्रारंभ हुई यह प्रस्तुति आगामी दिनों में भी जारी रहेगी।



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