सीहोर | 08-दिसम्बर-2019 |
प्रकृति ईश्वर द्बारा प्रदत्त अमूल्य धरोहर है, जिसमें अनेक सजीव एवं निर्जीव घटकों का समावेश है। हमारी प्रकृति जितनी ही सजीव है उतनी ही सुंदर और अनमोल भी है। मानव और प्रकृति - मानव और प्रकृति का परस्पर सीधा संबंध है। सम्पूर्ण मानव जाति व जीव-जंतु प्रकृति पर ही आश्रित है। वर्तमान शहरीकरण के बढ़ते कदमों ने प्रकृति के सौंदर्य को नजर लगा दी है। इन्हीं दुष्परिणाम वाले घटकों में से एक अहम तत्व है प्लास्टिक। आम तौर पर हम दैनिक जीवन में अनेक ऐसी वस्तुओं का उपयोग करते है, जो प्लास्टिक से बनी होती है। पॉलिथिन, बॉटल, डिस्पोजल आदि सभी उपयोगी तो हैं किन्तु हानिकारक भी हैं। समुद्रो के किनारों, उनकी सतहों और ज़मीन पर जो अपशिष्ट एकत्र होता है उसमें से 60 से 90 प्रतिशत हिस्सा प्लास्टिक से बना हुआ होता है। इस कूड़े-कचरे में सबसे आम चीज़ें होती हैं-सिगरेट के अधजले हिस्से, बैग, और खाने-पीने की चाज़ों के इस्तेमाल होने वाले डिब्बे आदि। विशेष-संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने कहा है कि हर साल लगभग 80 लाख टन प्लास्टिक कूड़ा-कचरा समुद्रों में फेंका जाता है। इसका मतलब इस तरह भी समझा जा सकता है कि एक बड़े ट्रक में समाने वाले कूड़े-कचरे के बराबर ये हर मिनट समुद्र में फेंका जाता है। समुद्र में प्लास्टिक के मिल जाने के कारण लाखों की संख्या में समुद्री प्रजातियों के अस्तित्व पर खतरा बना हुआ है। अनेक जलीय जीवों की मृत्यु का कारण प्लास्टिक बना हुआ है। वर्तमान समय में भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बल सोया जा रहा है, लेकिन आज भी लोगों में भ्रम है कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक का क्या अर्थ है। सिंगल यूज प्लास्टिक - चालीस माइक्रोमीटर (माइक्रॉन) या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहते हैं। इसका मतलब प्लास्टिक से बनी उन चीजों से है जो एक बार ही उपयोग में लायी जाती हैं और उसके बाद फेंक दी जाती हैं। जैसे आप जब बाजार में सब्जी या फल लेने जाते हैं तो आपको जो प्लास्टिक की पन्नी दी जाती है वह सिंगल यूज प्लास्टिक है। आप चाय वाले की दुकान पर जिस प्लास्टिक के कप में चाय की चुस्कियां लेते हैं वह सिंगल यूज प्लास्टिक है, आप चाट वाले की दुकान पर जिस प्लास्टिक की प्लेट में गोलगप्पे या पापड़ी खाते हैं वह सिंगल यूज प्लास्टिक है, आप बाजार से जो पानी की बोलत खरीद कर पीते हैं वह सिंगल यूज प्लास्टिक है। इस प्रकार रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए खतरा बना हुआ है और वृहद स्तर पर हानिकारक साबित हो रहा है। आज हमें प्लास्टिक के उपयोग को अधिक से अधिक कम करने की आवश्यकता है। प्लास्टिक का उपयोग रोकें और सुरक्षित रहें। |
Social Plugin