गुना | 17-अक्तूबर-2020 |
वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत्त गुना श्री विजय रावत द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार वाणिज्यिक कर विभाग मध्यप्रदेश द्वारा व्यवसाईयों को पुरानी बकाया राशि जमा करने हेतु राहत प्रदान करते हुए मध्यप्रदेश कराधाना अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश 2020 लाया गया है। अध्यादेश में सामान्य विक्रय कर अधिनियम 1958 मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर अधिनियम 1994, मध्यप्रदेश वेट अधिनियम 2002, केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम 1956, मध्यप्रदेश होटल तथा वासगृहों में विलास वस्तुओ पर कर अधिनियम 1988 तथा मध्यप्रदेश विलासिता, मनोरंजन, आमोद एवं विज्ञापन कर अधिनियम 2011 के प्रावधानों के अंतर्गत 31 मार्च 2016 तक की अवधियों के लिये सृजित की गई ऐसी अतिरिक्त मांग की बकाया राशि के समाधान का प्रावधान है। योजना में मध्यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 की धारा 55 एवं 57 के अंतर्गत निकाली गई मांग एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कर स्थगन से संबंधित योजनाओ की कोई बकाया राशि को सम्मिलित नहीं किया गया है। योजना में मध्यप्रदेश प्रवेशकर अधिनियम 1976 तथा मध्यप्रदेश वृत्ति कर अधिनियम 1995 की बकाया राशि को भी सम्मिलित नहीं किया गया है। सरल समाधान योजना में व्यवसाई पर कोई बकाया वैधानिक घोषणा-पत्र/प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं करने के कारण है तो व्यवसायी आवेदन के साथ घोषणा पत्र एवं आरोपित ब्याज का 10 प्रतिशत जमा कर बकाया राशि को समाप्त करवा सकता है। यदि व्यवसायी द्वारा किसी प्रकरण में अपील की गई है तथा अपील लंबित है तो देय कर का 50 प्रतिशत तथा ब्याज का एवं शास्ति का 5 प्रतिशत आवेदन के साथ जमा कर बकाया राशि को समाप्त कराया जा सकता है। इसी प्रकार यदि बकाया के संबंध में व्यवसाई द्वारा कोई अपील नहीं की गई है तो बकाया कर की राशि तथा ब्याज का एवं शास्ति का 10 प्रतिशत आवेदन के साथ जमा कर बकाया राशि को समाप्त कराया जा सकता है। सरल समाधान योजना में यदि व्यवसाई द्वारा कोई अपील नहीं की गई है तो 60 दिवस के भीतर कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करने पर व्यवसाई को ब्याज का एवं शास्ति का 10 प्रतिशत जमा करना होगा। 60 से 90 दिवस के भीतर आवेदन प्रस्तुत करने पर ब्याज का एवं शास्ति का 20 प्रतिशत जमा करना होगा तथा 90 से 120 दिवस के भीतर आवेदन करने पर ब्याज का एवं शास्ति का 30 प्रतिशत जमा करना होगा। यदि व्यवसाई द्वारा किसी प्रकरण में अपील प्रस्तुत की गई है तो 60 दिवस के भीतर कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करने पर ब्याज का एवं शास्ति का 5 प्रतिशत जमा करना होगा तथा 60 दिवस पश्चात आवेदन प्रस्तुत करने पर ब्याज का एवं शास्ति को 10 प्रतिशत जमा करना होगा। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ व्यवसाई द्वारा 23 जनवरी 2021 के पूर्व लिया जा सकता है। |
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