उज्जैन | 21-जनवरी-2021 |
राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के कार्यालयों में कार्यवाही त्वरित गति से किये जाने के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के उद्देश्य से ई-आफिस की कार्य प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में 19 जनवरी को आदेश जारी कर प्रदेश के समस्त संभागायुक्तों, कलेक्टरों को ई-आफिस कार्य प्रणाली पर कार्य करने हेतु मार्गदर्शिका के रूप में जिला ई-आफिस कार्य प्रणाली पुस्तिका भेज दी गई है। जिला ई-आफिस कार्य प्रणाली पुस्तिका के तहत कागजविहीन कार्यालयों के माध्यम से विलम्बविहीन व्यवस्था की स्थापना हेतु जिला प्रक्रियाओं के प्रबंधन को एकीकृत, त्वरित, पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण प्रयोग में सरल तथा परिणाममूलक बनाना ही इस पुस्तिका के प्रकाशन का मुख्य उद्देश्य है। भारत सरकार द्वारा निर्मित एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित डिजिटल इण्डिया मिशन कार्य पद्धतियों एवं प्रक्रियाओं में क्रान्तिकारी परिवर्तन की अवधारणा को पोषित करता है। सच्चे सुशासन की स्थापना के लिये सूचना प्रौद्योगिकी की नवीनतम तकनीकों का प्रयोग कर पेपरलेस व्यवस्था को लागू करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। जिला कार्यालय की कार्य प्रक्रिया एवं पद्धति को ई-आफिस पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रबंधित करने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। निश्चय ही एक ऐतिहासिक कदम है, जो प्रक्रियाओं में क्रान्तिकारी बदलाव लेकर आयेगा। जो न केवल संस्थागत बल्कि सार्थक सिद्ध होंगे। मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुल 10 राजस्व संभाग एवं 52 जिले कार्यरत हैं और ई-आफिस प्रणाली मध्य प्रदेश शासन के सभी जिलों पर लागू होगी, जिनमें संभागीय आयुक्त कार्यालय एवं जिला स्तरीय विभागीय कार्यालय भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश राज्य के जिला कार्यालय जिलों के सर्वोच्च प्रशासनिक मुख्यालय हैं, जहां जिले के सर्वांगीण विकास के लिये नीतियां, नियमों, निर्देशों, कानूनों, योजनाओं तथा गतिविधियों की रूपरेखा तैयार कर लागू की जाती है। घोषित नीतियों एवं लिये गये निर्णयों का सीधा प्रभाव नागरिकों पर होता है, इसलिये शासन द्वारा जिला स्तर पर सुशासन हेतु कार्य पद्धति का विकास ई-आफिस (इलेक्ट्रॉनिक) प्रणाली के क्रियान्वयन द्वारा किया गया है। |
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