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आजीविका दीदी कैफे पकड रहा है प्रगति की रफ्तार "सफलता की कहानी"

 

श्योपुर | 21-जनवरी-2021
    श्योपुर जिले में गठित किये गये महिला स्व-सहायता समूह निरंतर तरक्की की रफ्तार पकड रहे है। इसी दिशा में ग्राम चैनपुरा स्थित गायत्री स्वसहायता समूह के माध्यम से आजीविका दीदी कैफे द्वारा गरम-गरम चाय नाश्ता तैयार किया जाकर कैफे में आने वाले नागरिको और संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में स्थित अधिकारी/कर्मचारियों को दिये जा रहे स्वल्पहार से आजीविका दीदी कैफे प्रगति की रफ्तार पकडने में अग्रसर हो रहा है। आजीविका मिशन के माध्यम से ग्राम चैनपुरा स्थित गायत्री स्वसहायता समूह का संचालन श्रीमती रामकथा बाई द्वारा किया जाकर समूह से जुडी हुई महिलाओं के माध्यम से कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव की पहल पर आजीविका दीदी कैफे को कलेक्ट्रेट परिसर में जगह उपलब्ध कराई गई। साथ ही आजीविका मिशन के माध्यम से दीदी कैफे को चाय, नाश्ता के रूप में समौसा, कचैडी, आलूबडा, गुजिया, नमकीन, बिस्कीट का कार्य करने की प्रेरणा दी। 
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन श्योपुर के परिसर में संचालित दीदी कैफे का संचालन चैनपुरा के गायत्री स्वसहायता समूह द्वारा किया गया। यह समूह तरक्की की रफ्तार पडकते हुए प्रतिदिन अपनी आमदनी बढाने में सहायक बन रहा है। कैफे का पर्यवेक्षक आजीविका मिशन के डीपीएम श्री सोहनकृष्ण मुदगल द्वारा समय-समय पर किया जाता है। इस कैफे को प्रतिदिन 05 हजार रूपये की आमदनी का जारीया प्राप्त हो रहा है।
  श्योपुर जिले में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। जिसमें स्वसहायता समूहा को ग्राम पंचायतो की गौशालाओं का संचालन, सिलाई केन्द्र की स्थापना, मैजिक वाहनो के माध्यम से स्वसहायता समूहों की महिलाओ को रूट के अनुसार वाहन संचालन का कार्य सौपा गया है। जिससे समूहो की महिलाओं की तरक्की की राह आसान हो रही है। स्वसहायता समहो की महिलाएं प्रगति की ओर आगे बढकर अगरबत्ती निर्माण, जूता-चप्पल के कारोबार को आगे बढा रही है। आगे भी स्वसहायता समूहों को  गेहूं उपार्जन केन्द्र देने की भी तैयारी प्रचलन में है।  
जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत बगवाज के ग्राम चैनपुरा में गठित गायत्री स्वसहायता समूह की संचालक श्रीमती रामकथा बाई ने बताया कि मप्र के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा आत्मनिर्भर मप्र की दिशा में समूहो को मान बढाने के प्रयास किये है। इन प्रयासो से हमारा आजीविका दीदी कैफे चलाने में सहायक बन रहा है। जिसमें जिला प्रशासन और आजीविका मिशन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। कैफे के माध्यम से गरम-गरम नाश्ता चाय, नमकीन, आलूबडा, समौसा, कचैडी, गुजिया बेचने से 05 हजार रूपये की प्रतिदिन आय प्राप्त हो रही है। जिसके लिए पूरे समूह की महिलाएं आभारी है।  

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