देवास | |
मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया सहित पूरा देश कोरोना संक्रमण की रोकथाम की जद्दोजहद में लगा है और इसकी भयावहता के चलते देशभर में लॉकडाउन है। इस लॉक डाउन में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, नगर निगम, महिला बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी/कर्मचारी मुस्तैदी से सेवा दे रहे हैं। ऐसी एक मातृ शक्ति के रूप में महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रीति बैरागी है जो कि गर्भवती होने के बावजूद कोरोना के विरूद्ध जारी इस लड़ाई में मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दे रही है तथा नागरिकों से आग्रह कर रहे हैं कि वे “आपकी सुरक्षा के लिए हम बाहर हैं, आप अपने घरों में ही रहे”। इस नारी शक्ति को शत-शत नमन…..। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना सेक्टर क्षिप्रा के ग्राम निपानिया की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रीति बैरागी वर्तमान के इस संकट के दौरान में त्याग की मूर्ति बनकर आई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रीति बैरागी का 09 माह का गर्भ है तथा वे गर्भवती होते हुए भी कोरोना के विरुद्ध जागरूकता में सहभागिता से शामिल होकर इस लड़ाई में शामिल हुई है। कोरोना महामारी के इस संकट काल में भी लॉक डाउन के दौरान उनका कार्य, कर्तव्य के प्रति अगाध श्रद्धा को दर्शाता हो कर अन्य कर्मियों के लिये प्रेरणास्पद है । श्रीमती प्रीति बैरागी गर्भावस्था के अंतिम माइ में हैं तथा ऐसी अवस्था में भी उनके द्वारा बिना कोई अपकाश लिये, कोरोना के विरुद्ध जागरूकता गतिविधिया प्रारंभ होते ही आशा, एएनएम व अन्य साथियों के साथ पूरे गांव को जागरूक करने के कार्य में सहभागिता से कार्य किया है। इस दौरान पूरे गांव में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करते हुए बारबार हाथ धोने, स्वच्छता रखने, घर में ही रहने आदि के लिये प्रेरित करती रहीं । आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इसके अलावा सर्दी, खांसी व बुखार के पीड़ितों के लिये घर-घर जाकर सर्व कार्य भी किया है। सेक्टर पर्यवेक्षक कल्पना जोशी ने गर्भवती होने के कारण श्रीमती बैरागी को आराम करने की सलाह देते हुए आंगनवाड़ी सहायिका को उक्त कार्य को सौंपने हेतु समझाईश दी गई, किन्तु श्रीमती प्रीति बैरागी का उत्तर था कि " मैं गांव से लोगों के लिए ही तो नौकरी करती है इसलिये उनके लिए मेरा काम करना जरूरी है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 01 अप्रैल तक निरन्तर कार्यरत रहीं। सेक्टर पर्यवेक्षक के समझाने श्रीमती बैरागी ने सिर्फ 2 अप्रैल को काम नहीं किया तथा 3 अप्रैल को शाम से ही उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हुई। अंततः सेक्टर पर्यवेक्षक कल्पना जोशी के प्रयास से श्रीमती बैरागी को अस्पताल पहुंचाया जा स्का तथा 3 अप्रैल के रात्री 11 . 30 बजे प्रीति बैरागी ने बालिका कोजन्म दिया । आगनबाडी कार्यकर्ता प्रीति बैरागी अब अपनी बालिक के साथ स्वस्थ्य है , किन्तु वे अब भी अपने काम से निरतर जुडी हुई हैं और कार्य करने हेतु आंगनगाजिला जनसंपर्क कार्यालय, देवास। |
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