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आज डॉक्टर दिवस हैं हम दूसरों शब्दों में इस दिवस को जीवनदान दिवस भी कह सकते है क्या कहते हैं तेदूखेड़ा के डॉक्टर "कहानी सच्ची हैं"

 

दमोह | 
            आज डॉक्टर दिवस हैं हम दूसरों शब्दों में इस दिवस को जीवनदान दिवस भी कह सकते हे क्योकि आज जो हम लोग सुरक्षित हैं, वह केवल इन डाक्टरो की बजह से है क्योंकि कोरोना की पहली लहर ओर दूसरी लहर से यदि किसी ने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरो की जीवन दान दिया हैं तो वह डॉक्टर ही हैं और उन्ही डाक्टरो में से डॉक्टर तेंदूखेड़ा स्व्स्थ केंद्र में भी पदस्थ हैं, रिश्ते में दोनो पति पत्नी हैं लेकिन इन्ही कोरोना काल मे जो रात दिन सवाये दी हैं, उससे इन दिनों  ने तेंदूखेड़ा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में अपनी एक अलग पहचान बना ली हैं और आज डॉक्टर दिवस पर नगर के लोगो ने इनके कोरोना काल के परिश्रम की सराहना करते हुये इनको बधाई दी हैं
24 घण्टे रहे सेवाओँ में उपलब्ध
            कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग एक दूसरे के पास खड़े होने में भय खा रहे थे तब डॉक्टर नीतेश नामदेव ओर उनकी पत्नी डाँ दीप्ति नामदेव ने 24 घण्टे इन मरीजो के उपचार में दिये है और इनके परिश्रम की बजह से आज तेंदूखेड़ा कोरोना मुक्त तेंदूखेड़ा बना है। इसलिये इसके परिश्रम को भी नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो के लोगो ने इनके कार्यो की सराहना की हैं।
            चेतन जैन ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सभी डॉक्टरो ने अपना योगदान दिया हैं लेकिन तेंदूखेड़ा नगर और ब्लाक में नीतेश नामदेव ओर दीप्ति नामदेव ने जो मरीजो की सवाये की हैं, वह सराहनीय हैं।
             अनूप लोधी कहते है कि नीतेश नामदेव कुछ समय के लिए कोरोना की पहली लहर में तेजगड़ उपस्वास्थ्य में आये दिन उन्होंने यहां भी अपनी सेवाओं और उपचार में कोई कसर नही छोड़ी थी उनका कार्यकाल सराहनीय रहा हैं ।
ये बोले सेवाओँ के सबध में डॉक्टर
             डॉक्टर नीतेश नामदेव ने बताया कि डॉक्टर का कार्य मरीज का उपचार करना होता हैं, कोरोना एक महामारी बीमारी थी इसमें कई लोग अपनो से बिछड़ गये, उनको उन्होंने सवेदना देते हुये कहा कि हमलोगों को इस महामारी के समय अपने क्षेत्र के लोगो की सेवा करने का मौका मिला, यही हमारे लिये सौभाग्य की बात है, कोरोना काल मे हमलोगों ने मरीजो के उपचार पर विशेष ध्यान दिया हैं, उस समय हमने केवल यही सोच रखी कि जो मरीज कोरोना पॉजिटिव हैं, उसे स्व्स्थ करना है, ईष्वर की कृपा से पूरे जिले के साथ तेंदूखेड़ा ब्लाक भी कोरोना मुक्त हो गया हमारे लिये यही सामान हैं।
            डाँ दीप्ति नामदेव भी तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं, कोरोना की पहली लहर में तेंदूखेड़ा कोबिड सेन्टर बाकी कमान इन्ही ने संभाली थी, ओर इस वर्ष भी कोरोना मरीजो का उपचार करते करते ये खुद कोरोना पॉजिटिव हो गई थी, उनके बाद भी इन्होंने अपनी हिम्मत नही हारी ओर स्व्स्थ होने के बाद भी ये फिर तेंदूखेड़ा स्व्स्थ केंद्र में नियमित सेवाएं दे रही हैं, जबकि इन दिनों की एक छोटी सी बेटी भी हैं, जब कोरोना में डॉक्टर दीप्ति नामदेव दुवारा किये गये कार्यो के सबध में उनसे चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जो कोरोना में सकर्मित हुये थे वह भी मरीज थे, लेक़िन उनको  अपना मानकर उनका उपचार करना डॉक्टर की जिम्मेदारी है हमने भी अपना कार्य किया हैं ईश्वर के आशिर्वाद से सभी स्व्स्थ हो गये  में सभी से यही कहूंगी की अभी कोरोना गया नही है सभी मास्क के साथ बैक्सीन लगवाये।

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